Threat – पूना शहर, महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में एक बड़ा हवेली खड़ी थी, जिसे लोग “भूतिया हवेली” कहते थे। इस हवेली के बारे में गांववाले डरते थे और वहाँ का नक्शा तक दिखाने से इनकार करते थे।
एक दिन, एक नौकर रामु नामक युवक को हवेली में काम करने के लिए बुलाया गया। वह बहुत ही गरीब था और इस काम का स्वागत किया। उसके दोस्त और परिवारवाले उसे यह काम नहीं करने की सलाह देते थे, लेकिन उसकी मजबूरी ने उसे हवेली के काम पर लगा दिया।
रात के समय, जब वह अकेले हवेली में काम कर रहा था, तो वह अद्भुत घटनाओं का सामना करने लगा। पहले, वह असामान्य आवाज़ों को सुनने लगा। जैसे कि दरवाजे की खड़कन, किसी की कदमों की आवाज़, और चीखें।
रामु डर के मारे अपने काम में जुटा रहा, लेकिन अचानक उसने कुछ अद्भुत दिखाई दिया। एक छाया की तरह एक औरत की छवि उसके सामने आई, जो खड़ी होकर उसे देख रही थी।
रामु डर से बिलबिला गया और जब वह उस औरत की ओर देखने की कोशिश की, तो वह औरत गायब हो गई। इसके बाद, रामु ने तय किया कि यह सब सिर्फ उसके दिमाग की खलबली हो सकती है और वह काम पर ध्यान केंद्रित कर लिया।
फिर भी, वह रात को न सो सका और न ही अगले दिन काम पर ध्यान दे पाया। वह वही औरत की छवि बार-बार अपने सपनों में देखता रहा और उसका खोना पागल बना दिया।
एक दिन, वह हवेली के पुराने पुस्तकालय में खोज रहा था, जब वह एक पुरानी किताब पाई। उसका टाइटल था “हवेली की रहस्यमयी कहानियाँ”। रामु ने इसे खोला और पढ़ने लगा।
किताब में लिखा था कि हवेली के बीते कुछ दशकों में कुछ अद्वितीय घटनाएं घटी थीं। वहाँ के लोग बताते थे कि हवेली में एक औरत की आत्मा आवाज़ें सुनाई देती थीं और वह अवासीयक रूप से दिखाई देती थी।
रामु को यह सब बहुत अद्वितीय लगा और वह तय कर लिया कि इस रहस्य को हल करना होगा। वह किताब के अनुसार, एक पुराने पुजारी से मिलने के बाद हवेली के बारे में और भी ज्यादा जानने का फैसला किया।
रामु ने गांव के पुराने मंदिर में जाकर पुजारी से मिला और उसके पास कहानी सुनने का आलंब बढ़ा। पुजारी ने रामु को बताया कि एक समय हवेली में एक गुस्सा आत्मा रहती थी, जो अपने साथी के साथ जलकर मर गई थी। उसकी आत्मा अब तक हवेली में आवाज़ें कर रही थी और वह दरिद्र और असहाय लोगों की मदद कर रही थी।
रामु ने दिल में आत्मा के साथ संवाद करने का फैसला किया। वह हवेली के कमरों में जाकर बैठा और मन में आत्मा को बुलाया।
कुछ ही देरों बाद, आत्मा की आवाज़ आई, “कौन हो तुम?”
रामु डर के मारे थरथराया, लेकिन फिर उसने अपनी निश्चितता बनाए रखी और कहा, “मेरा नाम रामु है, और मैं यहाँ काम करने के लिए आया हूँ।”
आत्मा ने कहा, “तुम मेरे साथ कैसे बात कर सकते हो?”
रामु ने अपनी तरफ से कहानी सुनाई और यह बताया कि वह गरीब होने के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने के लिए पूरी तरह समर्थ है।
आत्मा ने रामु की मदद करने का फैसला किया और उसे विशेष शक्तियों का दान किया। अब रामु हवेली में दरिद्र लोगों की मदद करने लगा, और उनके लिए खाना बनाने, कपड़े बाँधने और उनकी जरूरतों की देखभाल करने लगा।
जब गांववाले ने देखा कि हवेली में कुछ अद्भुत बदलाव हो रहे हैं और वहाँ के लोग खुश हैं, तो उनकी दृष्टि में रामु एक महान आदमी बन गए।
फिर कभी भी, जब रामु को आवाज़ें सुनाई देती हैं, वह खुद को याद दिलाता है कि वह अब एक मित्र की तरह हवेली के आत्मा के साथ बात कर रहा है।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि डर को पार करने के लिए हमें अपनी ताक़तों को पहचानना और उन्हें उपयोग करना होता है। कभी-कभी हमारे आस-पास कुछ अद्भुत घटनाएं होती हैं, जिन्हें हम समझ नहीं पाते हैं, लेकिन हमारी साहस और समर्थन की ताक़त से हम किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं।